Rabb Se Hai Dua आज के एपिसोड की शुरुआत होती है Ibaadat से, जिसे Hamida अपने कमरे में बुलाती है। Hamida उसे बताती है कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है और Ibaadat से उसकी दवाइयां लाने के लिए कहती है। इस बीच, Mannat और Gulanaz के दबाव में आकर Hamida झूठ बोल रही होती है। Ibaadat, जो Hamida की हालत को देखकर परेशान हो जाती है, तुरंत दवा लाने के लिए दौड़ पड़ती है। उसकी मासूमियत और विश्वास का फायदा उठाते हुए, Hamida उसे एक झूठी परिस्थिति में फंसा देती है।
Hamida इस पूरी योजना में खुद भी उलझन में है, क्योंकि वह जानती है कि Ibaadat निर्दोष है। लेकिन वह Mannat और Gulanaz के दबाव के कारण इस षड्यंत्र का हिस्सा बन जाती है। Hamida भगवान से प्रार्थना करती है कि Ibaadat सुरक्षित रहे और इस साजिश में न फंसे। वह अपने किए पर पछताती है, लेकिन फिर भी योजना के तहत उसे Ibaadat को धोखा देना पड़ता है।
जैसे ही Ibaadat कमरे से बाहर जाती है, Mannat इस मौके का फायदा उठाती है और Subhan को बुलाती है। Mannat जानबूझकर Subhan से झूठ बोलती है कि कोई उसे सोते समय मारने की कोशिश कर रहा था। Subhan, जो पहले से ही परेशान था, Mannat के बुलावे पर तुरंत उसके पास आता है। Mannat उसे गले लगाती है और बताती है कि उसे लगा कोई उसके कमरे के बाहर छड़ी लेकर खड़ा था। Subhan उसकी बातों पर यकीन करने लगता है, क्योंकि उसने पहले Ibaadat को छत पर देखा था। Subhan अब धीरे-धीरे Mannat की बातों पर यकीन कर रहा है और Ibaadat पर शक करने लगता है।
Mannat की योजना बहुत चालाकी से बनाई गई है। उसने Subhan के दिल में Ibaadat के खिलाफ गलतफहमियां पैदा कर दी हैं। वह Ibaadat के साथ अपने रिश्ते की गंभीरता का नाटक करती है, और Subhan को विश्वास दिलाती है कि Ibaadat ही वह इंसान है जिसने उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। Mannat धीरे-धीरे Subhan के करीब आने की कोशिश करती है।
जब Subhan Mannat के पास आता है, तो वह उसे अपनी पुरानी यादें याद दिलाती है। दोनों के बीच पहले भी एक मजबूत रिश्ता था, लेकिन अब चीजें बदल गई हैं। Mannat Subhan को भावनात्मक रूप से कमजोर बनाने की कोशिश करती है, और उसे अपने करीब लाने का प्रयास करती है। वह उसे उनके पुराने दिनों की याद दिलाती है, जब वे एक-दूसरे के साथ समय बिताते थे। लेकिन Subhan को अचानक याद आता है कि वह अभी भी Ibaadat का पति है, और वह किसी भी तरह के शारीरिक संबंध से खुद को रोकता है।
Subhan Mannat के कमरे से जाने की कोशिश करता है, लेकिन Mannat उसे जाने नहीं देती। वह उससे अनुरोध करती है कि वह उसके साथ रात बिताए, वरना वह डर के मारे मर जाएगी। Subhan उसकी बात मान जाता है, और Mannat के पास बैठ जाता है। वह उसके साथ रात बिताता है, हालांकि वह शारीरिक रूप से Mannat के करीब नहीं आता। Mannat अब इस स्थिति का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करती है। वह देखती है कि Subhan धीरे-धीरे Ibaadat से दूर जा रहा है और अब वह उसके लिए एक अवसर देखती है।
इस बीच, Ibaadat अपने पति Subhan को फोन करती है, लेकिन Mannat उसे फोन उठाने से मना कर देती है। Mannat का उद्देश्य साफ है—वह Ibaadat और Subhan के बीच दूरी बढ़ाना चाहती है। वह चाहती है कि Ibaadat को लगे कि Subhan अब उससे दूर जा रहा है और अब Mannat उसके जीवन में आ गई है। Subhan, जो Mannat के झूठ और षड्यंत्र का शिकार हो चुका है, अपने दिल में Ibaadat के लिए शक पैदा कर लेता है।
Hamida, जो Mannat और Gulanaz के षड्यंत्र का हिस्सा बन चुकी है, खुद को इस झूठे जाल में फंसा हुआ महसूस करती है। वह Ibaadat को नुकसान पहुंचाना नहीं चाहती, लेकिन वह खुद भी अब इस साजिश का हिस्सा बन चुकी है। Mannat की चालाकी से Hamida भी Ibaadat के खिलाफ हो गई है, जबकि वह जानती है कि Ibaadat निर्दोष है।
आखिरकार, यह साफ हो जाता है कि Mannat का इरादा Subhan को Ibaadat से दूर करने का है। वह किसी भी कीमत पर Subhan को वापस पाना चाहती है, भले ही इसके लिए उसे Ibaadat के खिलाफ षड्यंत्र करना पड़े। Ibaadat, जो अपने पति के प्रति वफादार है, अब Mannat के इस षड्यंत्र का शिकार बन गई है।
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