बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, जो वर्तमान में मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में है, भारत के साथ किए गए कई मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoUs) की समीक्षा करने पर विचार कर रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर ये समझौते बांग्लादेश के लिए फायदेमंद नहीं साबित होते हैं, तो Bangladesh उन्हें रद्द कर सकता है। हालांकि, अब तक बांग्लादेश की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। जून 2024 में शेख हसीना प्रशासन ने भारत के साथ कुल 10 MoUs पर हस्ताक्षर किए थे, जिनमें से 7 नए और 3 को रिन्यू किया जाना था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि Bangladesh इस दिशा में क्या कदम उठाता है।
क्या हैं MoUs रद्द करने के संभावित कारण?
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को लगता है कि शेख हसीना प्रशासन ने भारत के साथ कुछ समझौते ऐसे किए हैं जो बांग्लादेश के हितों के बजाय भारतीय हितों को प्राथमिकता देते हैं। इसी कारण, वर्तमान सरकार उन MoUs की समीक्षा करने की तैयारी कर रही है। अंतरिम विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने भी इस बात की पुष्टि की है कि Bangladesh के MoUs बाध्यकारी समझौते नहीं होते और इन्हें संशोधित या रद्द किया जा सकता है।
भारत से जुड़े प्रोजेक्ट्स की समीक्षा
बांग्लादेश में भारतीय कर्ज से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर भी सवाल उठ रहे हैं। प्लानिंग मंत्रालय इंडियन लाइन ऑफ क्रेडिट्स (LOCs) के तहत चल रहे और प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स की समीक्षा कर रहा है। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ हितधारकों का मानना है कि ये LOCs बांग्लादेश की तुलना में भारतीय हितों को अधिक प्राथमिकता देते हैं। इसलिए, Bangladesh के लिए इन प्रोजेक्ट्स की समीक्षा महत्वपूर्ण हो जाती है।
तीस्ता जल बंटवारा संधि पर फिर से चर्चा
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने तीस्ता जल बंटवारा संधि पर भारत के साथ फिर से चर्चा शुरू करने की इच्छा जताई है। जल संसाधन मामलों की सलाहकार सैयदा रिजवाना हसन ने कहा कि दोनों देशों को जल बंटवारे पर अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। यह Bangladesh के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा, और सरकार इस दिशा में बातचीत को प्राथमिकता दे रही है।
बांग्लादेश के कदम का असर
अगर बांग्लादेश वास्तव में भारत के साथ किए गए समझौतों को रद्द करने का फैसला करता है, तो इससे दोनों देशों के बीच संबंधों पर गहरा असर पड़ सकता है। भारत और Bangladesh के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं, लेकिन वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम उन पर असर डाल सकता है। Bangladesh के इस कदम से क्षेत्रीय स्थिरता पर भी प्रभाव पड़ सकता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों देश इस स्थिति से कैसे निपटते हैं।
My Name is Suhel Shaikh, I Work as a Content Writer for Kararinews and I like Writing Articles